[ad_1]
Taslima Nasreen: मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन यतिन खरबंदा पर उनका गलत इलाज करने का आरोप लगाया है. तस्लीमा नसरीन ने पिछले 24 घंटे में एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी कहानी बताई. तस्लीमा नसरीन के मुताबिक वह घुटनों में दर्द की शिकायत लेकर 11 जनवरी को अपोलो अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टर यतिन खरबंदा ने उन्हें बताया कि उनके कूल्हे में फ्रैक्चर है और इसका इलाज करने के लिए हिप रिप्लेसमेंट करना होगा.
उन्हें 13 जनवरी को अस्पताल में सर्जरी के लिए भर्ती किया गया. तस्लीमा नसरीन ने आरोप लगाया है कि उन्हें सीटी स्कैन या एक्सरे में किसी भी तरह के हिप फ्रैक्चर की जानकारी नहीं दिखाई दी. इसके बावजूद डॉक्टरों ने उनका हिप रिप्लेसमेंट कर दिया. तस्लीमा नसरीन के मुताबिक उन्हें कोई हिप फ्रैक्चर नहीं था और मामले को दबाने के लिए अस्पताल में गलत डिस्चार्ज समरी तैयार की है. लेखिका के मुताबिक वह केवल आराम और पेन किलर दवाओं से ठीक हो सकती थीं लेकिन अस्पताल ने ऐसी सलाह नहीं दी.
I was at Apollo for knee pain.Dr Yatinder Kharbanda told me I had hip fracture,but didn’t show me xray/CT.I was admitted for fixation on Jan13 late night,but on Jan14 morning he forced me to do total hip replacement.Later found no hip fracture &a false discharge summery was made.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) January 31, 2023
तस्लीमा नसरीन के मुताबिक इसके बदले में उन्होंने अस्पताल को 7,42,000 का बिल भी चुकाया है. अपने ट्वीट की कड़ी में तस्लीमा नसरीन ने आरोप लगाया है कि उन्हें सोचने का वक्त भी नहीं दिया गया और वह कोई सेकेंड ओपिनियन नहीं ले पाईं.
हालांकि अपोलो अस्पताल ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. अस्पताल ने जो बयान जारी किया है उसके मुताबिक तस्लीमा नसरीन गिर गई थीं. वो चल भी नहीं पा रही थीं और इसी शिकायत के साथ वह अस्पताल आई थीं. उनकी उम्र को देखते हुए हिप रिप्लेसमेंट ही बेस्ट ट्रीटमेंट था जो कि उन्हें दिया गया. हालांकि उन्हें फॉलोअप के तौर पर फिजीयोथेरेपी की सलाह भी दी गई थी, जिसके लिए वह लौटकर नहीं आईं. अस्पताल उन्हें प्रॉपर फॉलो अप करने की सलाह देता है. अपोलो अस्पताल ने अपने स्टेटमेंट में यह भी साफ किया है कि उनका इलाज करने वाले डॉक्टर को 30 वर्षों का अनुभव है और वह एक बेहतरीन सीनियर डॉक्टर हैं.
इस मामले में सच क्या है, यह जांच का विषय हो सकता है कि लेकिन तस्लीमा नसरीन के केस ने ट्विटर पर लोगों के दर्द को भी जाहिर किया है. लोग खुलकर प्राइवेट अस्पतालों की कथित लूट के बारे में लिख रहे हैं. कैसे प्राइवेट अस्पताल बिना जरूरत सर्जरी और टेस्ट करते रहते हैं,कैसे लूट के इस सिलसिले के मामले में मरीज लाचार होते हैं. ऐसे हजारों ट्वीट्स की झड़ी तस्लीमा नसरीन की शिकायत के बाद ट्विटर पर लगी हुई है.
भारत की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi – अब किसी और की जरूरत नहीं
[ad_2]
Source link